आजकल हैकर्स द्वारा डेबिट कार्ड को अपना निशाना बनाने की घटनायें पहले से काफी बड गयी हैं। किसी की जरा सी भी गलती पर उसके पैसे साफ़ हो जाते हैं। हाल ही में 32 लाख डेबिट कार्ड के हैक होने की घटना सामने आयी है। हैकर्स कई बार ऑनलाइन डिटेल्स भी निकाल लेते हैं, जिसका इस्तेमाल करके आपके कार्ड से शौपिंग कर ली जाती है और आपको इसका पता भी नहीं चल पता है।
किन तरीकों से डेबिट कार्ड का डाटा चुराया जाता है :
ई-स्कैन के मुताबिक, डेबिट कार्ड से जुडी सूचना को फिशिंग, स्कीमिंग डिवाइस, किसी पेमेंट प्रोसेसर की सुरक्षा में सेंध लगाकर, मौलवेयर, एटीएम मौलवेयर, पीओएस मौलवेयर, ट्रोज़न/की-लोगर, हैकिंग अटैक आदि के जरिये चुराया जा सकता है। फिशिंग से जुडी हेरा-फेरी की घटनायें काफी लम्बे समय से होती रही हैं। इसके माध्यम से न सिर्फ Debit Card, बल्कि Credit card और यूजर के लॉगओन से जुडी निजी सूचनाएं भी चुराई जाती हैं। वही स्किमिंग डिवाइस ऐसे उपकरण होते हैं, जिन्हें एटीएम मशीन के साथ जोड़ा जाता है। ऐसे उपकरण पिन या कार्ड के डाटा से सम्बंधित जानकारी को सहेजने में सक्षम होते हैं। हालाँकि ऐसे उपकरणों से होने वाले नुक्सान का प्रभाव सिर्फ एक एटीएम मशीन तक सीमित होता है। सायबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले सभी तरीकों और अब तक उनके द्वारा डाटा चुराने की तमाम घटनाओं में ‘मौलवेयर और हैकिंग’ सबसे प्रमुख है। 2013 में रिटेल क्षेत्र की बड़ी कंपनी ‘टारगेट’ पर पीओएस मौलवेयर द्वारा हमला करके लगभग 40 मिलियन क्रेडिट और डेबिट कार्ड खातों की जानकारी चुरा ली गयी थी।
डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड के सुरक्षित इस्तेमाल के उपाय :
- ऐसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड को लौटा दें या फिर उनका इस्तेमाल बिलकुल भी न करें, जो टीएफए (टू फैक्टर औथेंटीफिकेसन) का समर्थन नहीं करते। आसान शब्दों में कहें, तो अगर किसी क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर आपको Online OTP(One Time Password) का ऐसा विकल्प नहीं दिया जाता है, जिसमे हरएक लेन-देन की स्वीकृति से पहले आपको 4 या 6 अंकों वाला वेरिफिकेशन कोड दर्ज करना पड़ता है, तो आपको उसे लौटा देन चाहिए या उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा कार्ड के पीछे से CVV को हटाकर मार्कर से इसे मिटा दें।
- कार्ड पर मोबाइल अलर्ट हमेशा एक्टिव करके रखें।
- एटीएम मशीनों में पिन इंटर करते समय पिन को हाथ से ढककर ही टाइप करें।
- एटीएम के डस्टबिन में अपनी स्लिप को न फेकें। मशीन में स्वाइप करने के लिए कार्ड किसी और के हाथों में न दें | खुद स्वाइप करें।
- मोबाइल में कार्ड की फोटो खींचकर न रखें।
- साथ ही ऑनलाइन खरीददारी के लिए कम बैलेंस वाले कार्ड का इस्तेमाल करना बेहतर रहता है।
- यदि बैंकिंग के लिए मोबाइल में कोई एप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे अच्छे एंटीवायरस से सुरक्षित कर लें।
- स्पैम सॉफ्टवेर एप कभी भी इनस्टॉल न करें।
- नेट बैंकिंग यूज करते हैं तो मोबाइल का पासवर्ड बदल दें। कोई भी ट्रांजेक्सन करते समय सेव डिटेल्स के ऑप्शन को अनचेक कर दें। कई बार ऐसा होता है कि कार्ड की डिटेल्स ऑनलाइन सेव हो जाती है।
- कार्ड के खोने या चोरी होने पर तुरंत बैंक को सूचित करें।
- यदि कोई व्यक्ति बैंक कर्मचारी बनकर आपसे आपके कार्ड का नंबर, CVV, PIN, OTP या अंतिम तिथि आदि के बारे में पूछे तो उससे कोई भी जानकारी हरगिज शेयर न करें।
- कभी भी अपना कार्ड व पिन नंबर साथ में न रखें, साथ ही कार्ड पर अपना पिन भी न लिखें।
- किसी भी अप्रमाणित सूचना पर विस्वास न करें, प्रमाणित सूचना के लिए सिर्फ अपने बैंक से ही संपर्क करें। इन्टरनेट बैंकिंग के जरिये कार्ड धारक अपने कार्ड की लिमिट भी सेट कर सकते हैं। यह सभी सेवाएँ इस्तेमाल करने में आसान और कार्डधारकों के लिए मुफ्त में उपलब्ध हैं।