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Sunday, July 12, 2015

अब इंसान सच में बदलेगा गिरगिट की तरह रंग

वाशिंगटन/एजेंसी: सेन्ट्रल फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के वैज्ञानिक देवाशीष चन्दा व उनकी टीम ने मिलकर ऐसी तकनीक बनाई है जिसका उपयोग इंसान के बाल से भी हल्का व महीन डिस्प्ले बनाने में किया जा सकता है। इस तकनीक की मदद से सामान्य कपड़ों का रंग भी बदला जा सकता है और कम बिजली से चलने वाले हल्के ई-स्क्रीन रीडर भी बनाये जा सकते हैं। यह एक ऐसा लचीला डिस्प्ले है जो प्रकाश का कुछ भाग सोख लेता है तथा कुछ भाग परावर्तित कर देता है। डिस्प्ले के लिए जो वोल्टेज चाहिए वह बहुत ही हल्के व इंसान के शरीर के लिये सुरक्षित हैं। एक छोटी सी बैटरी के द्वारा यह प्रक्रिया पूरी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार डिस्प्ले का रंग बदलने की यह क्षमता वोल्टेज में आये उतार-चढ़ाव से हासिल की जाती है। यह तकनीक लाल, हरे और नीले रंग के सम्मिश्रण से पैदा होने वाले सभी रंग बना सकती है। भविष्य में इसका उपयोग सैनिकों को युद्ध में दुश्मन से छिपाने के लिये रंग बदलने वाले कपड़े बनाने में भी किया जा सकेगा।

Tuesday, June 30, 2015

Important information for LPG consumers, please read!

अगर आपके पास L.P.G. गैस सिलेंडर है तो आप अपने परिवार की सुरक्षा के लिए यह जानकारी अवश्य रखिये.....!!!
(If you have a L.P.G gas cylinder, then you must keep this information for the safety of your family ..... !!!)
  1. क्या आपको पता है कि आपको एल.पी.जी. सिलेंडर के साथ इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है? लेकिन दस में से आठ उपभोक्तओं यह नहीं पता, लेकिन आप यह जान लें कि एलपीजी कनेक्शन के साथ आपका बीमा भी हो जाता है। अगर गैस सिलेंडर से कोई दुर्घटना होती है तो आपको 40 लाख तक का क्लेम मिल सकता है। इतना ही नहीं सामूहिक दुर्घटना की स्थिति क्लेम कि यह राशि 50 लाख तक हो सकती है। इसके अलवाइलाज का सारा खर्च भी गैस कंपनी ही उठाती है, लेकिन प्रायोगिक रूप से ऐसा नहीं हो पाता। जानकारी के अभाव में उपभोक्ता कंपनी को दुर्घटना की जानकारी नहीं देते। कंपनी और सरकार दोनों ही इस जानकारी को उपभोक्ता से छिपाते हैं।
  2. एलपीजी गैस सिलेण्डर की भी "एक्सपायरी डेट" होती है। एक्सपायरी डेट निकलने के बाद गैस सिलेण्डर को इस्तेमाल करना बम की तरह खरतनाक हो सकता है। आमतौर पर गैस सिलेण्डर की रीफिल लेते समय उपभोक्ताओं का ध्यान इसके वजन और सील पर ही होता है। उन्हें सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट की जानकारी ही नहीं होती। इसी का फायदा एलपीजी की आपूर्ति करने वाली कंपनियां उठाती हैं और धड़ल्ले से एक्पायरी डेट वाले सिलेण्डर रीफिल कर हमारे घरों तक पहुंचाती हैं। यहीं कारण है कि गैस सिलेण्डरों से हादसे होते हैं।

~How to Know Expiry Date?


सिलेण्डर के उपरी भाग पर उसे पकड़ने के लिए गोल रिंग होती है और इसके नीचे तीन पट्टियों में से एक पर काले रंग से सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट अंकित होती है। इसके तहत अंग्रेजी में A, B, C तथा D अक्षर अंकित होते है तथा साथ में दो अंक लिखे होते हैं। A अक्षर साल की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च), B साल की दूसरी तिमाही (अप्रेल से जून), C साल की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितम्बर) तथा D साल की चौथी तिमाही अर्थात अक्टूबर से दिसंबर को दर्शाते हैं। इसके बाद लिखे हुए दो अंक एक्सपायरी वर्ष को संकेत करते हैं।यानि यदि सिलेण्डर पर A 11 लिखा हुआ हो तो सिलेण्डर की एक्सपायरी मार्च 2011 है। इस सिलेण्डर का "मार्च 2011" के बाद उपयोग करना खतरनाक होता है।इस प्रकार के सिलेण्डर बम की तरह कभी भी फट सकते हैं। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे इस प्रकार के एक्सपायर सिलेण्डरों को लेने से मना कर दें तथा आपूर्तिकर्त्ता एजेंसी को इस बारे में सूचित करें !

Saturday, June 27, 2015

Pharma Price Data bank

मोबाइल एप्प से जानें 65 हजार दवाओं के नाम व कीमत: रास्ट्रीय दवा मूल्य प्राधिकरण (NPPA) द्वारा लांच इस पोर्टल की सहायता से लोग अपनी-अपनी जरूरत के हिसाब से उचित मूल्य की दवा खरीद सकेंगे। अभी तक मार्केट में एक ही साल्ट या फार्मूले से तैयार की गयी दवा विभिन्न नामों से मिलती है व विभिन्न कंपनियां इन्हें तैयार करती हैं। इन दवाओं की कीमत भी अलग-होती है। इस पोर्टल के जरिये उपभोक्ताओं को दवाओं की रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी। लोग दवाओं का मूल्य देखकर और आपस में कम्पेयर करके दवा खरीद सकेंगे। लोगों को बड़ी कंपनियों की दवा लेने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। अभी तक इस पोर्टल पर 100 बड़ी कंपनियों ने अपनी 35 हजार से ज्यादा दवाओं का रजिस्ट्रेशन करा दिया हैं। कुल 65 हजार दवाओं के फार्मूले इस पोर्टल पर डाले जायेंगे। सभी कंपनियों को अनिवार्य रूप से इन दवाओं के मूल्य भी पोर्टल पर अपडेट करने होंगे। पोर्टल पर आधारित मोबाइल एप्प भी अगले तीन महीनों में आ जायेगा। 

Saturday, June 13, 2015

Online apply for many services of indian government

सरकार ने विभिन्न ऑनलाईन सेवा शुरु की है, जिसे आप http://www.india.gov.in/howdo पेज पर जाकर अपने जरूरत की केटेगरी में चुन सकते हैं, उदाहरण के लिए कुछ इस प्रकार हैं :-

* प्राप्त करे:
1. जन्म प्रमाण (Birth Certificate)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=1

2. जाति प्रमाण (Cast Certificate)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=4

3. टोली प्रमाणपत्र
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.ph...

4. अधिवास प्रमाणपत्र
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=5

5. वाहन चालक प्रमाणपत्र (Driving license)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=6

6. विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=3

7. मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=2

अर्ज करें :
1. पॅन कार्ड (Pan Card)
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

2. टैन कार्ड (Tan Card)
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

3. राशन कार्ड (Ration Card)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=7

4. पासपोर्ट (Pass Port)
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

5. मतदाता सूची में नामांकन (Enrollment in voter list)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=10

रजिस्ट्रेशन:
1. जमीन / मालमत्ता (Property Registration)
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=9

2. वाहन
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=13

3. राज्य रोजगार एक्सचेंज
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=12

4. नियोक्ता
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

5. कंपनी (Company)
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

6. .IN डोमेन
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

7. GOV.IN डोमेन
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

चेक / ट्रॅक:
1. केंद्र सरकार गृहनिर्माण प्रतीक्षा सूची स्थिति
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

2. चोरी गये वाहन की स्थिति
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

3. भूमि अभिलेख
http://www.india.gov.in/landrecords/index.php

4. भारतीय न्यायालय
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

5. न्यायालयों के आदेश (JUDIS)
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

6. दैनिक कोर्ट ऑर्डर / प्रकरण स्थिति
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

7. भारतीय संसद नियम
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

8. परीक्षा परिणाम
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

9. स्पीड पोस्ट स्थिति
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

10. ऑनलाइन खेती बाजार भाव
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

पुस्तक / चित्र / लॉज:
1. ऑनलाईन रेल्वे टिकट
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

2. ऑनलाईन टिकट
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

3. आयकर
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

4. केंद्रीय दक्षता आयोग शिकायत (CVC हा)
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

योगदान:
1. प्रधानमंत्री सहयोग निधि
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

अन्य :
1. इलेक्ट्रॉनिक पत्र
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php…

ग्लोबल नेवीगेशन:
1. नागरिक
http://www.india.gov.in/citizen.php

2. व्यवसाय
http://business.gov.in/

3. ओवरसीज
http://www.india.gov.in/overseas.php

4. सरकार
http://www.india.gov.in/govtphp

5. भारत को जानें
http://www.india.gov.in/knowindia.php

6. क्षेत्र
http://www.india.gov.in/sector.php

7. संचयिका
http://www.india.gov.in/directories.php

8. दस्तावेज
http://www.india.gov.in/documents.php

9. अर्ज
http://www.india.gov.in/forms/forms.php

10. कायदे
http://www.india.gov.in/govt/acts.php

11. नियम
http://www.india.gov.in/govt/rules.phpmoo

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Thursday, June 11, 2015

Drive safe on express way

🚘🚙🔴आखिर क्यों आजकल नए बने एक्सप्रेस वे पर रोजाना गाड़ियों के टायर फटने के मामले सामने आ रहे हैं......🚗🚗🚗🚗🚗🚗🚗
जिनमें रोजाना कई लोगों की जानें जा रही हैं.एक दिन बैठे बैठे मन में प्रश्न उठा कि आखिर देश की सबसे आधुनिक सड़कोँ पर ही सबसे ज्यादा हादसे क्यूँ हो रहे हैं?

और हादसों का तरीका भी केवल एक ही वो भी मात्र टायर फ़टना, ऐसा कौन सी कीलें बिछा दीं सड़क पर हाईवे बनाने वालों ने कि सबके टायर ही फ़टते है?😳

दिमाग ठहरा खुराफाती सो सोचा आज इसी बात का पता किया जाये. तो टीम जुट गई इसका पता लगाने में.

अब सुनिए हमने प्रयोग के लिए एक मित्र को बुला लिया और हम Scorpio SUV से निकल पड़े  (ध्यान रहे असली मुद्दा टायर फटना है) सबसे पहले हमनें ठन्डे टायरों का प्रेशर चेक किया और उसको अन्तराष्टीय मानकों के अनुरूप ठीक किया जो कि 25 PSI है..

(सभी विकसित देशों की कारों में यही हवा का दबाव रखा जाता है जबकि हमारे देश में लोग इसके प्रति जागरूक ही नहीं हैं या फिर ईंधन बचाने के लिए जरुरत से ज्यादा हवा टायर में भरवा लेते हैं जो की 35 से 45 PSI आम बात है)

खैर अब आगे चलते हैं. इसके बाद फोर लेन पर हम  चढ़ गए और गाड़ी दौड़ा दी..

गाडी की स्पीड  120 - 140 KM/Hरखी..

इस रफ़्तार पर गाडी को दो घंटे दोड़ाने के बाद हम उदयपुर के पास पहुँच गए थे। रूककर हमने दोबारा टायर प्रेशर चेक किया तो यह चोंकाने वाला था, अब टायर प्रेशर था 52 PSI........

अब प्रश्न उठता है कि आखिर टायर प्रेशर इतना बढ़ा कैसे सो उसके लिए थर्मोमीटर को टायर पर लगाया तो टायर का तापमान था 92.5 डिग्री सेल्सियस,

.....सारा राज अब खुल चुका था, कि टायरों के सड़क पर घर्षण से तथा ब्रेकों की रगड़ से पैदा हुई गर्मी से टायर के अन्दर की हवा फ़ैल गई B2B टायर के अन्दर हवा का दबाव इतना अधिक बढ़ गया।
      चूँकि हमारे टायरों में हवा पहले ही अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप थी सो वो फटने से बच गए।
लेकिन जिन टायरों में हवा का दबाव पहले से ही अधिक (35 -45 PSI) होता है
या जिन टायरों में कट लगे होते हैं उनके फटने की संभावना अत्यधिक होती है।

अत : फोर लेन पर जाने से पहले अपने टायरों का दबाव सही कर लें और सुरक्षित सफ़र का आनंद लें।🙏

मेरी एक्सप्रेस वे अथोरिटी से भी ये विनती है कि वो भी वाहन चालकों को जागरूक करें ताकि हाईवे का सफ़र अंतिम सफ़र न बने ।  

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