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Friday, June 5, 2020

मानवता हुई शर्मसार, महिला ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म

  • स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही फिर हुई उजागर।
  • प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग ने दिये जांच के आदेश। 
  • 108 पर फोन करने पर नहीं भेजी गई एम्बुलेंस कहा गया कि "कोरोना कार्यक्रम में व्यस्त हैं एम्बुलेंस।"
  • महिला के साथ आयी महिलाओं ने कराया प्रसव।
एटा। 4 जून, थाना कोतवाली देहात के ग्राम अंबारी में आज एक 20 वर्षीय महिला ने एक बच्चे को बीच सड़क पर जन्म दिया। कारण सिर्फ इतना था कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से उक्त महिला जिसे तत्काल एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाने की आवश्यकता थी उसे समय से एम्बुलेंस नहीं मिल सकी। इस घटना से साफ पता चलता है कि सरकार महिला स्वास्थ्य और सुरक्षा के लाख दावे करे परन्तु जब तब सरकार के अच्छे दिनों की कलई खुल ही जाती है।
प्रभारी मंत्री, एटा एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्री अतुल गर्ग से जब एंबुलेंस न भेजने तथा महिला का बीच सड़क पर प्रसव होने पर जब सवाल पूछा गया तो पहले तो मंत्री जी द्वारा पत्रकार से शिकायती पत्र मांगा गया जबकि यहां पर बताते चलें कि पत्रकार कोई पीड़ित पक्ष न होकर जनता की आवाज शासन एवं प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य करता है न कि कोई पक्ष होता है। जब मंत्री जी को पत्रकार द्रारा वीडियो दिखाने की बात कही तो वह वीडियो भेजने की कहने लगे। वीडियो दिखाने की कहने के बाद उन्होंने जांच कराए जाने की बात कही साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी एटा सुखलाल भारती को उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराके कार्रवाई के आदेश दिए हैं। प्रभारी मंत्री आज जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने करने देरशायं आये थे। उन्होंने एक्सरे रूम डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण किया। उनके साथ जिलाधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदर विधायक के साथ मारहरा विधायक वीरेंद्र लोधी भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप जैन आदि लोग भी मौजूद थे।
महिला के पति धर्मवीर ने बताया कि मैने आज दोपहर 12 बजे अपनी 20 वर्षीय पत्नी नीरज को डिलीवरी कराने ले जाने के लिए 108 नंबर पर एंबुलेंस भेजने के लिए कई बार फोन किया। तो वहां टेलीफोन अटेंड करने वाले व्यक्ति ने हमसे एंबुलेंस भेजने के लिए मना कर दिया। उन्होंने मुझसे कहा कि हमारी सभी एंबुलेंस कोरोना के मरीज लाने-लेजाने के लिए लगी है। इसलिए हम एंबुलेंस नहीं भेज सकते। इसलिए मजबूरी बस अपनी पत्नी को टिर्री से एक निजी चिकित्सक के यहां लेकर आया। तो उसने नार्मल डिलीवरी न होने की बताकर डिलीवरी करने से मना कर दिया और कहा कि इसकी साधारण डिलीवरी नहीं होगी तो मैं डर गया और मैं उसे टिर्री से चिकित्सालय लेकर जाने लगा तभी जेल रोड पर जेलर के बंगले के समीप एक ब्रेकर पर टिर्री में ही मेरी पत्नी नीरज की डिलीवरी हो गयी तथा उसने सड़क पर ही टिर्री में ही एक बच्ची को जन्म दिया। जिसे हमारे साथ मे आयी मेरी परिवार की महिलाओं व पैदा हुई लडकी की नानी ने डिलीवरी करायी और उसका नार भी काटा। सड़क पर प्रसव होने से मेरी पत्नी की जान संकट में आ गयी।
धर्मवीर द्वारा एंबुलेंस न भेजने के सवाल पर पत्रकार ने स्वयं महिला जिला चिकित्सालय पर जाकर देखा तो वहां पर 108 नंबर की एक नहीं चार एंबुलेंस खड़ी थी और ड्राइवर वही आसपास टहल रहे थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि हमें किसी ने कहीं जाने की कोई सूचना नहीं दी थी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय अग्रवाल से एंबुलेंस न भेजने के सम्बन्ध में पूछे जाने पर उन्होंने शीघ्र ही एंबुलेंस भिजवाने तथा मामले की जांच कराने की बात कही है।

रिपोर्ट-
अर्जुन मिश्रा

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