नई दिल्ली लाइव, गौरतलब है कि भाजपा ने अपने 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में जब से मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति का वादा किया था, तभी से देश के प्रायः सभी अखबार और न्यूज़ चैनल पर यह बहस आम हो गयी थी कि क्या तीन तलाक उचित है या अनुचित? तीन तलाक की वैधानिकता का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी काफी समय से चल रहा था।मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने तीन तलाक पर छः दिन तक चली लगातार सुनवाई के बाद 18 मई को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिस पर आज दिनांक 22 अगस्त, 2017 दिन मंगलवार सुबह 10:30 बजे तक फैसला आयेगा|
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सुप्रीम कोर्ट में आज आएगा तीन तलाक पर ऐतिहासिक फैसला |
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10: 40 AM: बहुमत के आधार पर तीन तलाक असंवैधानिक, छः महीने तक लगी रोक, देश की संसद बनाये कानून |
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई छः महीने तक तीन तलाक पर लगाईं रोक, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के अध्यक्ष जस्टिस जेएस खेहर ने तीन तलाक पर विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए छः महीने तक के लिए रोक लगा दी और कहा है कि केंद्र सरकार इस मामले पर कानून बनाये| इन छः महीनों के अन्दर यदि मुस्लिमों के अन्दर पुरुष अपनी महिलाओं को तलाक देते है तो उसे असंवैधानिक माना जायेगा | गौरतलब है कि पीठ के तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक माना है|
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