ताजमहल को प्यार की निशानी कहने वालों... मुमताज का मकबरा कहने वालों... ध्यान से पढो...
ताजमहल किसी शाहजहाँ ने नही बनवाया था। सारी दुनिया अभी तक इस धोखे में थी कि ताजमहल शाहजहाँ ने मुमताज के लिए बनवाया था। पर professor ओक ने अपनी खोज में पाया कि ये ईमारत कोई मकबरा नहीं है बल्कि एक प्राचीन शिव मंदिर है। जिसका नाम तेजो महालय था। जिसको शाहजहाँ ने महाराजा जय सिंह जी से अवैध रूप से छिन लिया था। और उसके बाद इससे तमाम ऐसी चीजे मिटा दी जिससे कि भविष्य में किसी को पता ना चले कि ये एक शिव मंदिर था। और फिर शुरू की झूठी अफवाह कि शाहजहाँ ने कारीगरों के हाथ कटवा दिए। लेकिन सच छुपता नही छुपाने से...। शाहजहाँ सभी सबूत नष्ट नही कर पाया और अब धीरे धीरे इस झूठ से पर्दा उठ रहा है। डॉ सुब्रमण्यम स्वामी जी ने ताजमहल को लेकर कोर्ट में केस भी फ़ाइल् किया है। और अभी तक केस हिन्दुओ के पक्ष में है। क्योंकि सबूत बोलते है कि ये ताजमहल तेजो महालय था। और जल्द ही पूरी दुनिया के सामने होगा यह सच कि दुनिया की सबसे खुबसुरत ईमारत मकबरा नहीं... एक शिव मंदिर है। वहाँ पर गिरने वाली पानी की बूँद मुमताज का आंशू नहीं शिवलिंग पर गिरनेवाला कुदरती जलाभिषेक है। भारत के इतिहास को बदला गया है।
एक बार इसे भी पढ़ेँ...
१) मुमताज शाहजहाँ की चौथी बीवी थी...
२) शाहजहाँ ने मुमताज से शादी करने के लिए उसके पति का खून किया था...
३) १४ वे बच्चे को जन्म देते हुए मुमताज़ की मौत हुई थी...
४) मुमताज के मरने के बाद शाहजहाँ ने उसकी बहन से शादी कर ली...
इसमें प्रेम कहा है...?
दोस्तों हालाँकि यह तत्थ्य सिर्फ एक व्हाट्स एप्प पर आये मेसेज से लिए गए हैं , इनकी सच्चाई की कोई प्रामाणिकता सरकार की तरफ से नहीं की गयी है। फिर भी इन ऐतिहासिक तथ्यों तथा लेखक की तरफ से प्रस्तुत किये गए साक्ष्यों को झूठा नहीं माना जा सकता। क्योंकि ऐतिहासिक तौर पर भी यह बात सर्व विदित है कि मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा भारत पर आक्रमण करके यहाँ कि संस्कृति और सभ्यता को नष्ट किया गया है। आगे भगवान भोलेनाथ जाने कि क्या हुआ था...... मुझे तो जानकारी ऐतिहासिक और काम की लगी सो मैंने आपको बता दी, आपको भी अच्छी लगे तो दूसरों को बता देना। नहीं तो आपकी मर्जी .........
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